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उत्तराखंड

एक पेड़ मां के नाम पर लगाए पेड़ो की सुध लेने वाला कोई नहीं,कार्यक्रमों तक सिमट कर रह गया मां का नाम

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कोटद्वार-कोटद्वार के गूलर पुल के पास निगम की जमीन पर 9 अगस्त 2024 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था और बडी संख्या में ”एक पेड़ मां के नाम” से लगाए गए थे।जिसमें मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी और सौरभ बहुगुणा के साथ साथ पूरा सरकारी अमला भी वहाँ मौजूद था।इस कार्यक्रम को करने के लिए अच्छा खासा बजट भी लगाया गया।अब सवाल यह उठता है कि जितने जोर शोर से यह कार्यक्रम किया गया था।उनमें से अपनी मां के नाम पर पेड़ लगाने वाले कितनी बार मां के नाम को देखने गए।पेड़ लगाकर फोटोशूट करवाने से कुछ नही होता है उन पेड़ो की बच्चे की तरह देखरेख भी करनी पड़ती है।

पेड़ लगाने से पहले उनके लिए पानी की व्यवस्था करनी पड़ती है और कार्यक्रम करने वालो को स्थाई रूप से पानी की व्यवस्था के बाद ही मां और पिता के नाम पर पौधे लगाने चाहिए।जब पानी की व्यवस्था ही नही होगी उस स्थिति में माली भी रखना व्यर्थ ही होगा।यदि पेड़ो को लगाने से पहले पानी की व्यवस्था और एक माली को रख दिया जाता।तब बड़ी संख्या में लगाए पेड़ बच जाते और आने वाले समय मे वहां हरियाली हो जाती……साथ ही आस पास के लोग वहां शाम को घूमने आते और बुजुर्गों के बैठने के लिए भी उचित स्थान बन जाता।वहाँ लगाए पेड़ो के ट्री गार्ड उखड़े पड़े हैं पेड़ सूख चुके हैं।अब दुबारा फिर वही प्रक्रिया की जाएगी मां के नाम पर तो कभी पिता के नाम पर पेड़ लगाए जाएंगे।लेकिन उन का रख रखाव की जिम्मेदारी कोई नहीं लेगा।

वही उस समय मां के नाम पेड़ कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूड़ी ने कहा था यह पेड़ डीएफओ को निगरानी में रहेंगे और जिम्मेदारी विभागों के साथ साथ मेरी भी रहेगी। पेड़ लगाने के बाद फोटोशूट करवाने वाले कितनी बार वहां उन पौधों को देखने गए।ऐसे कार्यक्रमों को करने से पहले उनकी रूपरेखा तैयार की जाती है और पूरी व्यवस्था के बाद ही कार्यक्रम होना चाहिये तभी आपका ओर हमारा उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा अन्यथा बजट ही ठिकाने लगते रहेंगे…………फाइल वीडियो,बाइट के साथ साथ वर्तमान वीडियो

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