उत्तराखंड
सीएम धामी का बड़ा संदेश: भ्रष्टाचारियों के लिए सीधे जेल का रास्ता,पद नहीं देखे जाएंगे !

देहरादून: उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार का साफ संदेश है—भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद पर क्यों न हो।

राज्य सरकार की “जीरो टॉलरेंस फॉर करप्शन” नीति के तहत अब तक कई प्रभावशाली अफसरों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। जहां पहले केवल निचले स्तर पर कार्रवाई होती थी, अब शीर्ष पदों पर बैठे अफसर भी कार्रवाई की जद में आ चुके हैं।
बड़े अफसरों पर हुई कार्रवाई,हरिद्वार ज़मीन घोटाला – 2 IAS और 1 PCS अफसर समेत 12 लोग सस्पेंडरामविलास यादव (IAS) – आय से अधिक संपत्ति, जेल मेंकिशन चंद (IFS) – वन विभाग में भ्रष्टाचार, जेलRBS रावत (पूर्व IFS) – UKSSSC पेपर लीक केस, जेलहरमिंदर सिंह बवेजा (उद्यान निदेशक) – वित्तीय गड़बड़ियों पर सस्पेंडअमित जैन (वित्त नियंत्रक) – नियमों की अनदेखी, अनुशासनात्मक कार्रवाईभूपेंद्र कुमार (परिवहन निगम) – रिश्वत और गड़बड़ियों में सस्पेंड,महिपाल सिंह (लेखपाल) – रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गएनिधि यादव (PCS) – विजिलेंस जांच जारीरामदत्त मिश्र (उप निबंधक) – स्टांप शुल्क में गड़बड़ियाँ, निलंबनराज्य कर विभाग के 3 वरिष्ठ अधिकारी – कार्य में लापरवाही, सस्पेंड
सेवानिवृत्त अधिकारी भी जांच के घेरे मेंकुशाल सिंह राणा, राजेन्द्र डबराल – ज़मीन घोटाले में मुकदमा,मृत्युंजय मिश्रा (पूर्व रजिस्ट्रार) – भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जांचरजनीश कुमार पांडे – आय से अधिक संपत्ति पर केस दर्जभर्ती परीक्षाओं में सख्ती और नकल माफिया पर प्रहार57 नकल माफिया जेल में24 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्टपरीक्षाओं की शुचिता बनाए रखने के लिए सरकार का कड़ा संदेश— अब कोई भी व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं कर सकता।
मुख्यमंत्री धामी का संदेशसरकार का लक्ष्य साफ है….भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख और जिम्मेदार शासन। कोई कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर भ्रष्टाचार किया है तो उसे जवाब देना होगा।




