Connect with us

उत्तराखंड

प्रयागराज का नाबालिग कोटद्वार में जावेद की दुकान में काम करते हुए मिला,परिजनों ने नही दिलाया मोबाईल घर से भागा नाबालिग

कोटद्वार-कोटद्वार के मस्जिद के सामने जहां नीम का पेड़ कभी था,और गोखले मार्ग और राष्ट्रीय राजमार्ग को जोड़ने वाली एक छोटी सी सड़कचकच्चवव्व है जहां पर कुछ दुकानदार दुकानें लगाते हैं,और यहां पर कुछ अफरा तफरी का माहौल कुछ भीड़ भाड़ देखी गई, पता चलने पर मालूम पड़ा कि वहां पर इलाहाबाद से कुछ लोग आए हैं और अपने एक भतीजे को नाबालिक है, उसे गुमराह कर लाने और एक दुकान पर काम करना व उसके घर में रहने की बात सामने आई।यह नाबालिक कुछ युवकों के साथ घर से बिना बताए निकल पड़ा और वह बच्चा कोटद्वार में जावेद की दुकान पर काम कर रहा था उसके घर में रह रहा था और नाबालिग के अभिभावकों ने बताया कि बच्चा और उसके साथ में कुछ और युवक थे।

वहां से उत्तराखंड सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में जगह-जगह पहुंचे हुए हैं, तो उन्होंने बताया कि उनके भतीजे के साथ जो और भी बच्चे है, इनके माध्यम से बच्चों को साथ लेकर कुछ फिरौती की रकम रकम मांगी जा रही थी।यह मामला प्रयागराज उत्तर प्रदेश का है और परिजनों ने नाबालिक की धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई मेरा भतीजा 24 अक्टूबर 2024 को शाम 16:15 को कोचिंग के लिए घर से निकाला और आज तक घर नहीं लौटा छानबीन करने पर पता चला अपने दोस्त अमन पुत्र महेश कुमार के साथ cctv कैमरे में खंगालने पर आख़िरी बार यही देखा गया है, और मोहल्ले के चकिया धूमनगंज थाने नगर प्रयागराज उत्तर प्रदेश में एफआईआर दर्ज की गई।परिजनों को नाबालिग सुरक्षित जावेद के घर से मिल गया है और कोटद्वार कोतवाली में आकर यहां पर भी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद, यूपी से आए एसआई ने बच्चे को अपने कब्जे में ले लिया ओर जो नाबालिक है उसे ले गए हैं, और दो अन्य जिनके साथ वह यहां आया था वह अभी कोटद्वार कोतवाली में है और उनके घर इस बात की सूचना भेजी गई है कि उनके बच्चे दो जो कोटद्वार में दुकान में काम कर रहे थे यहां किसी के साथ रह रहे थे वह इस समय कोटद्वार कोतवाली में है और उन्हें ले जाने के लिए युवकों के घर में कोटद्वार पुलिस के द्वारा थाने बुलाया गया है।

प्रयागराज से आये लड़के के ताऊजी ने कोटद्वार थाने में बताया कि एक बड़ा रैकेट है ,एक गिरोह है जो युवाओं को गुमराह कर रहा है।कोटद्वार पुलिस ने बताया कि जावेद हैं जो दुकान चलाता है और उसी की दुकान पर नाबालिग काम कर रहा था और जावेद के घर पर ही रह रहा था।नाबालिग के परिजनों ने बताया कि मोबाईल फोन की मांग कर रहा था परिजनों के मोबाईल नही दिलाने पर घर से निकल गया और इनके साथ कोटद्वार आ गया।कोटद्वार कोतवाली और उत्तराखंड पुलिस के लिए यह एक बड़ा सवाल पैदा होता है कि उत्तर प्रदेश में अपराध करने के बाद या किसी भी तरह की घटनाओं को अंजाम देने के बाद उत्तराखंड और उत्तराखंड के सीमावर्ती नगर कोटद्वार,ऋषिकेश व अन्य जगह अपराधियों के लिए सुरक्षित बनता जा रहा है।आखिर सत्यापन की प्रक्रिया की पौड़ी पुलिस बड़े बड़े दावे करती रहती है।दावों में ही सिमट कर रह गई है।

More in उत्तराखंड