उत्तराखंड
डीएम सविन बंसल की पहल से भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे अब पहुंच रहे स्कूल!
देहरादून: मुख्यमंत्री की प्रेरणा से देहरादून जिला प्रशासन ने समाज के सबसे नाजुक वर्ग सड़क पर भिक्षा मांगने वाले और अनाथ बच्चों के जीवन में उजाला भरने की पहल की है। “भिक्षा से शिक्षा की ओर” मिशन के तहत अब तक दो चरणों में 82 बच्चों को रेस्क्यू कर स्कूलों में दाखिला दिलाया जा चुका है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने ऋषिपर्णा सभागार में हुई जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति (DCWPC) और बाल कल्याण समिति (CWC) की त्रैमासिक बैठक में बताया कि यह पहल सिर्फ शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए संगीत, योग, खेल और रचनात्मक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों का जीवन बेहतर दिशा में मोड़ा जा रहा है।
डीएम ने बताया कि साधूराम इंटर कॉलेज, राजा रोड में डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक इंटेंसिव केयर सेंटर का निर्माण कराया जा रहा है, जहाँ इन बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ सुरक्षित माहौल और आवश्यक सुविधाएँ मिलेंगी।
बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि बालगृहों में निवासरत सभी बच्चों के आधार, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और स्वास्थ्य जांच के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। साथ ही, पुलिस को बालगृहों में कार्यरत कर्मचारियों का थानेवार रैंडम सत्यापन करने के निर्देश भी दिए गए।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को आदेश दिया गया कि सभी संस्थाओं में 10 दिन के भीतर RBSK टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच और टीकाकरण कराया जाए।
डीएम सविन बंसल ने कहा कि अब वार्ड स्तरीय और ग्राम स्तरीय बाल संरक्षण समितियों को फिर से सक्रिय किया जाएगा। इसके लिए नगर निगम, नगर पंचायतों और जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि मिशन वात्सल्य गाइडलाइन के अंतर्गत मिलने वाले अनटाइड अनुदान का 5% हिस्सा बच्चों की सुरक्षा और कल्याण पर व्यय किया जाए।
उन्होंने कहा कि जो संस्थाएँ अभी JJ एक्ट के तहत पंजीकृत नहीं हैं, उनके पंजीकरण की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए।
जिला प्रशासन ने भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू करने के लिए अंतरविभागीय टीमों और तीन रेस्क्यू वाहनों की तैनाती की है। यह टीमें लगातार शहर में पेट्रोलिंग कर रही हैं ताकि कोई बच्चा भी सड़कों पर भटकता न रह जाए।
इस टीम में होमगार्ड, पुलिस, शिक्षा, श्रम विभाग और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के साथ-साथ कई गैर-सरकारी संस्थाएं भी शामिल है
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी के.के. मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, जिला बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष नमिता ममगाई सहित अन्य अधिकारी और एनजीओ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने कहा हमारा लक्ष्य सिर्फ बच्चों को सड़क से उठाकर स्कूल भेजना नहीं…बल्कि उन्हें ऐसा माहौल देना है जिससे वे आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बनें।

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