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उत्तरप्रदेश

संवेदनशील डीएम सविन बंसल: जनता दरबार में चार बहनों की जिंदगी बदली, स्कूल में कराया दाखिला

देहरादून-कहते हैं प्रशासन केवल आदेश देने तक सीमित नहीं होता, संवेदनशीलता और इंसानियत से जुड़कर ही उसका असली स्वरूप सामने आता है। कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया है जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने।

देहरादून के जनता दरबार में उस वक्त सबकी आंखें भर आईं जब बिन मां की चार बेटियां अपनी व्यथा सुनाने डीएम के सामने पहुँचीं। मां की मौत के बाद पिता भी कोई काम नहीं करते, ऐसे में बड़ी बहन सरिता अपने छोटे-छोटे बहनों की जिम्मेदारी उठा रही थी। हालात ऐसे थे कि अब तक किसी भी बहन ने स्कूल का मुंह तक नहीं देखा था।

सरिता ने रोते हुए अपनी मजबूरी सुनाई और आर्थिक मदद की गुहार लगाई। डीएम बंसल ने न सिर्फ उनकी बात ध्यान से सुनी बल्कि उसी पल समाधान का रास्ता भी निकाल दिया। उन्होंने तीनों छोटी बच्चियों का सरकारी स्कूल में तत्काल दाखिला कराने के आदेश दिए और सरिता को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिलाकर सेवायोजित करने की कार्यवाही शुरू कर दी।

डीएम के आदेश के बाद बच्चियों का प्रवेश रा.प्रा.वि. लाडपुर, रायपुर में करा दिया गया है। अब वे यूनिफॉर्म, किताबें और पढ़ाई की सारी ज़रूरी सुविधाओं के साथ शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ गई हैं। वहीं सरिता को भी जल्द प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ा जाएगा।

जिला प्रशासन ने इसे एक मिशन के रूप में लिया है। डीएम ने टीम को निर्देश दिए हैं कि ऐसे गरीब और असहाय परिवारों की पहचान की जाए जिनकी बेटियां आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई से वंचित रह रही हैं। इस पहल को प्रोजेक्ट नंदा सुनंदा से भी जोड़ा जा रहा है।

इस अवसर पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शिक्षा ही बच्चों का भविष्य संवार सकती है। हर बेटी को पढ़ाई का अवसर मिलना चाहिए और इसके लिए प्रशासन हर संभव मदद करेगा।

निस्संदेह, यह कदम सिर्फ तीन बेटियों की जिंदगी नहीं बदलेगा बल्कि पूरे समाज को यह संदेश देगा कि जब प्रशासन संवेदनशीलता से काम करता है तो बदलाव की किरण सबसे अंधेरे कोनों तक पहुँचती है।

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