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उत्तराखंड

ऋण बीमा धोखाधड़ी के खिलाफ डीएम का सख्त रुख, एचडीएफसी आर्गो को चेक जमा करना पड़ा

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देहरादून: जिले की जिला प्रशासन ने उपभोक्ताओं से ऋण बीमा के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। जिलाधिकारी सविन बंसल की सख्त कार्रवाई के बाद, एचडीएफसी आर्गो इंश्योरेंस लिमिटेड को 8,92,000 रुपये का चेक जिला प्रशासन के खाते में जमा करना पड़ा।

जिलाधिकारी के फैसलों से न केवल कंपनियां बैकफुट पर हैं….बल्कि असहाय, प्रताड़ित महिला, बुजुर्ग और बच्चों को भी न्याय मिल रहा है।

प्रकरण का विवरण

सुप्रिया नौटियाल, पत्नी स्व० प्रदीप रतूड़ी ने 15 नवंबर 2025 को जिलाधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई कि उनके पति द्वारा वाहन खरीदने के लिए एचडीएफसी आर्गो जीआईसी लिमिटेड से 8,11,709 रुपये का ऋण लिया गया था। बैंक ने बताया कि लोन के साथ बीमा अनिवार्य था, लेकिन बीमा संबंधित दस्तावेज सुप्रिया को कभी भौतिक रूप से नहीं दिए गए। पति की मृत्यु के बाद, सुप्रिया पर बैंक द्वारा दबाव डाला जा रहा था कि वह ऋण चुकाएं; न चुकाने की स्थिति में वाहन उठाने की धमकी दी जा रही थी। इस पर सुप्रिया ने डीएम से बीमा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगाई।

डीएम की सख्ती

जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एचडीएफसी आर्गो पर 8.11 लाख रुपये की आरसी काटी और फरमान सुनाया कि 5 दिनों के अंदर ऋण माफी नहीं हुई तो कंपनी की संपत्ति कुर्क कर नीलामी की जाएगी। जिलाधिकारी की चेतावनी के बाद एचडीएफसी आर्गो ने 8,92,000 रुपये का चेक तहसील सदर में जमा कराया।

प्रभाव और संदेश

जिलाधिकारी का सख्त रुख अन्य बैंक और बीमा कंपनियों के लिए भी चेतावनी है। डीएम के रडार पर वे सभी हैं, जो बीमित ऋण होने के बावजूद जनमानस को प्रताड़ित कर रहे हैं। ऐसे मामलों में, बैंक और बीमा कंपनियों की शाखाओं पर कुर्की और नीलामी जैसे कदम उठाए जा चुके हैं।

जिलाधिकारी का यह कदम यह संदेश देता है कि उत्तराखंड में उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए प्रशासन हर स्थिति में सतर्क और सक्रिय है।

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