उत्तराखंड
मोटर नगर के आधुनिक बस अड्डे के निर्माण का निगम को मिल सकता है कब्जा,एसडीएम स्तर से कार्यदायी संस्था को देकर 152(पूर्व की 133) का नोटिस,अधिवक्ता वर्मा ने दी जानकारी

कोटद्वार-कोटद्वार नगर निगम के मोटर नगर में 2010/11 में आधुनिक बस अड्डे के निर्माण कार्य शुरू हुआ था लेकिन निर्माण कार्य पूरा नही हो पाया और आधुनिक बस अड्डा सालों से निर्माण की बाट जोह रहा है।उसके निर्माण के लिए समय समय पर जनता व संगठनों के द्वारा आवाज भी उठाई जाती रही है।उस गड्ढे का मामला कोर्ट में चल रहा है।

कार्यदायी संस्था ने पालिका पर आरोप लगाया कि हमें पालिका ने तय भूमि नहीं दी जिसके चलते कार्य बीच मे ही रोक दिया गया ओर आधुनिक बस अड्डे का सपना कोटद्वार की जनता के लिए सपना बनकर ही रह गया है।हाईकोर्ट ने यह मामला मध्यस्थ न्यायाधिकरण को हस्तांतरित कर दिया।कार्यदायी संस्था ने मध्यस्थ न्यायाधिकरण में अपना पक्ष रखा और 8 करोड़ से अधिक की धनराशि खर्च होने की बात कही।मध्यस्थ न्यायाधिकरण ने निगम पर 12 करोड़ का जुर्माना लगाते हुए कार्यदायी संस्था को देने का आदेश दिया।
यदि तहसील प्रशासन प्रयास करे तो आधुनिक बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।सरकारी अमला जनहित के लिए होता है और जनता की सुविधाओं को देखते हुए कई अहम फैसले भी लेता है।जनता की सुविधाओं का ध्यान रखना सरकारी मशीनरी का दायित्व होता है।
क्या करना होगा….
आपको बता दे की मोटर नगर में बनने वाले आधुनिक बस अड्डे का निर्माण जनता के लिए बनाया जा रहा था।इसके लिए एसडीएम के यहां से सीआरपीसी 133 जो की अब 152 हो गई है का नोटिस दिया जाता है।जिसके बाद मोटर नगर में बनने वाले आधुनिक बस अड्डे पर निगम का अधिकार हो जायेगा….ओर उसका निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा।आपको बता दे कि गोखले मार्ग में व्यापारियों के द्वारा अतिक्रमण करने की निगम और एसडीएम के यहाँ लगातार शिकायतें होती रहती थी।जिस पर एसडीएम सोहन सिंह सैनी ने चिन्हित किये हुए सभी अतिक्रमणकारियों को उस समय 133 का नोटिस भिजवाया था।152 की कार्यवाही का अधिकार एसडीएम के पास ही होता है।गोखले मार्ग में जनहित को देखते हुए यह कार्यवाही की गई थी।मोटर नगर के गड्ढे में कभी भी कोई भी बड़ी घटना हो सकती है,बरसात में पानी भर जाता है और बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है,आवारा पशु का गिरना या किसी व्यक्ति की गिर कर मोत हो सकती है।इन सभी मुद्दों को जनहित में देखते हुए मोटर नगर के आधुनिक बस अड्डे के निर्माण के लिए भी 152 का नोटिस कार्यदायी संस्था को देकर कोटद्वार की जनता पर उपकार कर सकते हैं और यह जनता की भलाई के लिए होगा…साथ ही कोटद्वार की जनता उनके इस नेक कार्य के लिए उनको हमेशा याद रखेगी।
वही अधिवक्ता अरविंद वर्मा का कहना कि जनहित के सभी पहलुओं को रखते हुए 152 का नोटिस दिया जा सकता है।जनहित के मुद्दे पर कोर्ट भी विचार करते हुए जनता के हित को ध्यान में रख कर निगम को कब्जा मिल जाने से मोटर नगर का मसला हल हो सकता है।




