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उत्तराखंड

शहर की सफाई व्यवस्था पर गंभीर संकट,शौचालय बने बीमारी के अड्डे,सहायक आयुक्त नहीं निकलते कार्यालय से बाहर जनता ने लगाए आरोप

कोटद्वार-कोटद्वार नगर निगम को साफ और स्वच्छ बनाने की जिम्मेदारी सहायक आयुक्त के कंधों पर है,लेकिन शहर की सफाई व्यवस्था और शौचालयों की बदहाली के बीच उनके कार्य पर सवाल उठ रहे हैं।शहरी क्षेत्र में शौचालयों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही है,और इसके बावजूद सहायक आयुक्त कार्यालय से बाहर निकलने तक को तैयार नहीं हैं।स्थानीय दुकानदारों और नागरिकों का कहना है कि शौचालयों की बदहाल स्थिति बीमारियों को जन्म दे सकती है।रविवार के दिन तो यह स्थिति ओर गंभीर हो जाती है कि आसपास के दुकानदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।शौचालयों में गंदगी और दुरुस्ती की कमी इतनी अधिक है कि वे बीमारियों के अड्डे बन चुके हैं।फिर भी सहायक आयुक्त सिर्फ एक दिन शौचालयों की सफाई कर फोटो सेशन करवाकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।कार्यालय में मंडली जमाकर अपनी तारीफों के पुल बांधने से कुछ नही होता सहायक जी धरातल पर काम करना पड़ता है।

यहाँ तक कि नगर निगम के कार्यालय के ठीक सामने स्थित शौचालय की हालत भी जर्जर है।जहाँ शौचालय के दरवाजे तक टूटे हुए हैं।शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर सहायक आयुक्त का नजरिया सवालों के घेरे में है।

व्यापारी ने कहा कि सहायक आयुक्त कभी भी अपने कार्यालय से बाहर निकलकर शहर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण नहीं करते….सिर्फ तारीफों के पुल बांधने और बैठकें करने से नगर निगम का काम नहीं चलता।धरातल पर काम करना पड़ता है, जिसमें शहर के सभी शौचालयों में पानी की व्यवस्था, नियमित सफाई और कीटाणु नाशक दवाओं का छिड़काव जरूरी है।

इसके अलावा झंडा चौक में हाल ही में बिना बरसात के ही जलभराव की समस्या सामने आई थी,जो साफ-सफाई की गंभीर स्थिति को और उजागर करता है। इस तरह की घटनाओं से यह स्पष्ट है कि नगर निगम की सफाई व्यवस्था में ठोस सुधार की जरूरत है।स्थानीय नागरिकों और व्यापारियों ने नगर निगम और सहायक आयुक्त से जल्द से जल्द ठोस कदम उठाने की अपील की है, ताकि शहर में स्वच्छता और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार हो सके।

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