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हर बार हादसे के बाद ही क्यों जागती है कुंभकर्णी नींद से सरकार व प्रशासन
कोटद्वार-उत्तराखंड में अंकिता हत्याकांड के बाद मुख्यमंत्री नींद से जागे हैं और उनको अंधाधुंध बन रहे रिसॉर्टस पर कार्यवाही करने की याद आई।जिस पर मुख्यमंत्री ने सभी रिसॉर्टस मानकों के अनुरूप बने हैं या नहीं जांच के आदेश दिए हैं।मुख्यमंत्री के आदेश के बाद से रिसॉर्ट मालिकों में हड़कंप मचा हुआ है।कोटद्वार से लेकर लैंसडाउन तक नदियों को काटकर रिसॉर्ट बना दिए गए हैं ओर कुछ का निर्माण कार्य हो रहा है।यहां तक की शमशान की भूमि को भी नही छोड़ा और वहां पर भी रिसॉर्ट बना दिया गया है रिसॉर्ट बनाने के लिए जो मानक होते हैं उनको ताक पर रखकर यह निर्माण किये गए हैं।इसमें कहीं ना कहीं प्रशासन ओर सरकार के नेताओं की शह पर यह कार्य किये जाते हैं।एनजीटी के नियमों के तहत नदियों में रिसॉर्ट बनाना कानूनन अपराध है।जहाँ एक ओर पहाड़ में रहने वालों को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है।वहीं दूसरी ओर इन रिसॉर्ट मालिकों ने नदियों में बड़ी बड़ी मोटर लगाकर के स्विमिंग पूल भरने का काम बेखौफ होकर कर रहे हैं।जिससे कहीं ना कहीं जल संस्थान व वन विभाग पर भी सवाल खड़े होते हैं।
जिस तेजी से पहाड़ों पर रिसॉर्ट बन रहे हैं उसमें कहीं ना कहीं स्थानीय प्रशासन की मिलीभगत जरूर होती है इनको बनाते वक्त सारे मानक पूरे नहीं किए जाते हैं फिर भी यह बनकर तैयार हो जाते हैं जहां एक और एक आम नागरिक छोटे से निर्माण के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटता रहता है वही बड़े-बड़े रिसॉर्ट बहुत आसानी से बन जाते हैं।रिसॉर्ट मालिकों पर प्रशासन ओर सरकार की खास मेहरबानी रहती है
स्थानीय महिलाओं का कहना है कि यहां पर बाहर से लोग आते हैं और अश्लील भाषा का प्रयोग करते हैं।जिस कारण हम घरों में कैद होकर रह गईं हैं।हम जानवरों के लिए चारापत्ती लेने जाना पड़ता है।कितनी ही बार नदियों में लोग नंगे ही नहाते रहे हैं उनको मना करते हैं तो मारपीट व गाली गलौज पर उतारू हो जाते हैं।सरकार को चाहिए कि ऐसे रिसॉर्टस पर रोक लगाई जाए।गांव वालों के लिए शमशान की जगह बनी हुई थी।वहां पर भी कब्जा करके रिसॉर्ट बना दिया गया है।
वही प्रवेश रावत का कहना है कि यह सब रिसॉर्ट अय्याशी के अड्डे बने हुए हैं।इनको अवैध रूप से बनाया गया है।अतिक्रमण की जद में आते हैं।इन पर सख्त कार्यवाही करते हुए सभी रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलना चाहिए।