Connect with us

Uncategorized

पोथली हो या अंकिता सबकी कहानी एक जैसी,सीमित संसाधनों में बनी अच्छी फिल्म

कोटद्वार में गढ़वाली फीचर फिल्म पोथली काफी अच्छी है।पोथली गढ़वाली फ़िल्म सीमित संसाधनों में बनाई गई है… उस दृष्टिकोण से काफी अच्छी बनी है और पहले ही दिन काफी भीड़ भी रही।

खनन माफिया को लगता है पैसे के बल पर वह सब कुछ खरीद सकता है।ऐसा करने में सफल भी होता है।लेकिन एक लाचार ओर मजबूर पिता को कहीं से न्याय नहीं मिलने पर खुद सजा देने को मजबूर हो जाता है।यह किसी एक पिता की कहानी नही है यह उन सभी की है जो गरीब की बेटी की इज़्ज़त की चन्द रुपयों से बोली लगाकर अपने बिगडैल बेटों को बचा कर ले जाते हैं और पुलिस भी ऐसे ही पैसे वालों के साथ खड़ी होती है।पोथली में यही दिखाने की कोशिश की गई है।जो कि सराहनीय है।

Ad Ad Ad Ad

More in Uncategorized

Trending News