उत्तराखंड
धरना,धमकी और आरोप! कोटद्वार की सड़कों पर क्यों उतरा जिलाध्यक्ष का पार्षद भाई,विधानसभा अध्यक्ष के आदेशों की हो रही अवहेलना

कोटद्वार-कोटद्वार की भावर गैस एजेंसी पर इन दिनों घमासान मचा हुआ है। एक पार्षद ने एजेंसी पर घटतौली के आरोप लगाए हैं और साथ ही बाहरी कर्मचारियों को लेकर भी सवाल उठाए हैं। मामला अब तहसील दफ्तर से निकलकर सड़कों तक पहुंच गया है। कुछ दिन पहले दोनों पक्षों ने इस मामले को लेकर उपजिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा था…लेकिन विवाद यहीं नहीं रुका और अब धरना-प्रदर्शन का रूप ले चुका है।

भाजपा के जिलाध्यक्ष के पार्षद भाई ने गैस एजेंसी के मैनेजर के खिलाफ धरना दिया। दूसरी ओर गैस एजेंसी के कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बार-बार धमकाया जा रहा है और बाहरी कहकर अपमानित किया जा रहा है। कर्मचारी राजेश का कहना है कि उनसे कहा गया, ‘बदांयू के हो, बोरिया-बिस्तर लेकर भाग जाओ।’ कर्मचारियों ने पार्षद पर पैसे मांगने के आरोप भी लगाए हैं, जिसे लेकर जांच की मांग हो रही है।
गैस एजेंसी के मैनेजर कैलाश अधिकारी का कहना है कि पार्षद लगातार धमकी दे रहे हैं, ‘तुम्हारा ट्रांसफर करवा दूंगा, टिकने नहीं दूंगा।’ हालांकि विधानसभा अध्यक्ष से फोन पर बातचीत के बाद कर्मचारियों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी और गैस की आपूर्ति फिर से शुरू कर दी। मैनेजर ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि उनके साथ कोई अन्याय नहीं होने देंगे, लेकिन उसके बाद भी पार्षद धमकियां देते रहे।
इस बीच, बाट माप विभाग के अधिकारी प्रदीप रावत ने बताया कि जनता की तरफ से गैस की घटतौली को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि पार्षद की शिकायत पर गोदाम की जांच की गई थी, लेकिन सब कुछ सही पाया गया।
दिलचस्प बात यह भी है कि सत्ता पक्ष के पार्षद और जिलाध्यक्ष के भाई को भी अपनी ही सरकार में सुनवाई के लिए धरना-प्रदर्शन करना पड़ा। यह घटना दिखाती है कि सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी अपनी ही सरकार में बात मनवाने के लिए सड़कों पर उतरना पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।




