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उत्तराखंड

सांसद योजना के तहत 50 स्कूलों में हुई पुस्तक वितरण, विद्यार्थियों में उत्साह

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पौड़ी: पौड़ी में अटल आदर्श राजकीय इण्टर कॉलेज में सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना के तहत 50 सरकारी इण्टर कॉलेजों के पुस्तकालयों के लिए हिंदी साहित्य की पुस्तकों का वितरण एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं और दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।

छात्रों ने सरस्वती वंदना और स्वागत गीत प्रस्तुत कर मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रख्यात साहित्यकार नागेन्द्र सिंह कठैत, गणेश खुगशाल, वीरेन्द्र खंकरियाल और संदीप रावत को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।

जिलाधिकारी ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसे कार्यक्रम केवल पुस्तक वितरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि बच्चों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देना भी इसका उद्देश्य है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि किताबें केवल परीक्षा के लिए नहीं बल्कि जीवन को समझने के लिए पढ़ें। शिक्षकों से उन्होंने कहा कि विद्यालयों में ऐसा वातावरण बनाएं, जहाँ विद्यार्थी रोज़ाना कुछ नया पढ़ने की प्रेरणा पाएँ।

जिलाधिकारी ने डिजिटल युग में तकनीक के विवेकपूर्ण उपयोग और साहित्यकारों के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि साहित्यकार समाज के दर्पण होते हैं और उनके सम्मान से हमारी संस्कृति और रचनात्मकता की पहचान बढ़ती है।

मुख्य शिक्षाधिकारी नागेंद्र बर्तवाल ने कहा कि पुस्तकों का नियमित पठन विद्यार्थियों की ज्ञान, चिंतन और अभिव्यक्ति क्षमता को मजबूत करता है। उन्होंने पुस्तकालय को ज्ञान का मंदिर बताया…जहाँ विद्यार्थी जीवन के हर प्रश्न का उत्तर खोज सकते हैं।

पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत की अनुशंसा पर आयोजित इस कार्यक्रम में अधिकारियों, साहित्यकारों और विद्यार्थियों ने जिलाधिकारी के प्रयासों की सराहना की। वीरेन्द्र खंकरियाल ने कहा कि पुस्तकें विचारों की जीवंत ऊर्जा हैं जो पीढ़ियों को दिशा देती हैं।

इस अवसर पर कुल 50 विद्यालयों को पुस्तकें वितरित की गईं। इनमें विकासखण्ड पाबौ के 11, पौड़ी के 2, कोट के 14, खिर्सू के 9, कल्जीखाल के 9 और एकेश्वर के 5 विद्यालय शामिल हैं। कार्यक्रम में पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, खंड शिक्षाधिकारी मास्टर आदर्श, प्रभारी प्रधानाचार्य वेद प्रकाश डोभाल, कार्यक्रम संयोजक मुकेश कुमार सहित अन्य अधिकारी, साहित्यकार और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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