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कब्रिस्तान की भूमि पर भाजपा कार्यालय के शिलान्यास से पहले उठ रहे सवाल,क्या कब्रिस्तान की भूमि पर कार्यालय का शिलान्यास करेंगे सूबे के मुखिया ?
कोटद्वार-उत्तराखंड के कोटद्वार में 10 नवंबर को कब्रिस्तान की जमीन पर भाजपा कार्यालय का सूबे के मुखिया पुष्कर सिंह धामी भूमि पूजन करने आने वाले हैं।लेकिन उससे पहले ही सवाल खड़े होने लगे हैं।जहां एक ओर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सभी जगह से अतिक्रमण हटवा रहे हैं ऐसे में विवादित जमीन पर कोटद्वार के भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवा कर उनकी साफ छवि को धूमिल करने की कहीं साजिश तो नहीं रची जा रही है।
जिस तरह से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री लगातार विकास कार्य कर रहे हैं और जनता के बीच अपना भरोसा कायम किया है।उससे लगता है कि कुछ लोगों को ये बात हजम नहीं कर पा रहे हैं।भाजपा सरकार के मुखिया के द्वारा अवैध रूप से किये गए अतिक्रमण,मदरसे,मजारे यहां तक कि अवैध भूमि पर बने मंदिरों को भी ध्वस्त करवाया गया है।जिससे उनकी साफ छवि पर कोई सवालियां निशान न लगे।ऐसे में कब्रिस्तान की जमीन पर मुख्यमंत्री से कार्यालय का शिलान्यास करवाना कितना उचित होगा यह तो भाजपा कार्यकर्ता ही बता सकते हैं।70 के दशक में कब्रिस्तान के 95 और 96 नम्बर खसरा खतौनी वाले भूखण्डों पर तत्कालीन कांग्रेस के विधानपरिषद सदस्यों के द्वारा बगीचा लगा दिया गया था।इस मामले में लैंड फ्राड समन्वय समिति की बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में ग्राम कालावड पट्टी सुखरो तहसील कोटद्वार के खेत संख्या 95,96 एवं 169 की जांच का जिक्र किया गया था।। एक तरफ जहां खाता खतौनी में खेत संख्या 98, 99 क एवम 96,97 ख 1500 बीजेपी के नाम पर दर्ज है वहीं दूसरी तरफ 95, 96 खेत संख्या कब्रिस्तान के नाम पर भी दर्ज दिखाई दे रही है।
वही कांग्रेस के प्रवेश रावत ने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में हमेशा अंतर रहा है।यहां पर कब्रिस्तान था सरकार चाहे तो जांच करवा सकती है।