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उत्तराखंड

पनियाली गदेरे पर अतिक्रमण हटाने के चिन्हीकरण के सालों बाद भी कागजी कार्यवाही में उलझा प्रशासन

कोटद्वार-कोटद्वार क्षेत्र के आबादी वाले इलाके के बीच से गुजरने वाले नाले के पास बने अवैध घरों को हर साल स्थानीय प्रशासन द्वारा चिन्हित कर दिया जाता है…लेकिन कोई ठोस कार्रवाई आज तक नहीं हो पाई।
आपको बताते चलें कोटद्वार में पिछले कई सालों में आपदा आने की सबसे बड़ी वजह पनियाली गदेरे में अतिक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है…गदेरे किनारे लगभग 300 से ज्यादा अतिक्रमण मौजूद हैं जिनमें से 130 अवैध निर्माण को प्रशासन की ओर से चिन्हित किए जा चुके हैं।मानसून सीजन के चलते नाला उफान पर बहता है जिसके चलते नदी किनारे बसे घर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं जबकि इन घरों में रह रहे लोगों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।शासन प्रशासन न तो इन घरों को खाली करवा रहा है और न ही इन घरों में रह रहे लोगों को अन्य जगह शिफ्ट कर रहा है।स्थानीय प्रशासन सिर्फ इन घरों को चिन्हित करने तक सीमित रह गया है।गदेरे की चौड़ाई कम होने से बरसात में कोटद्वार में आपदा जैसे हालात बन जाते हैं…ओर प्रशासन सिर्फ नोटिस देने तक ही सीमित है।जिसके चलते हर साल इस नदी की चपेट में न जाने कितने मकान अब तक बह गए हैं।जब जिलाधिकारी से सालों से कागजी कार्यवाही ही पूरी नहीं हुई है पूछा गया।तब उन्होंने आयुक्त ओर एसडीएम पर बात डालते हुए जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया।

वही स्थानीय निवासियों का कहना है कि अब तक कई बार चिन्हीकरण हो चुका है।प्रशासन हमारे ऊपर चिन्हीकरण की तलवार लटका देता है लेकिन कुछ करता नहीं है।निशान लगाकर चले जाते हैं और दो चार दिन परेशान करते हैं फिर चुप्पी साध कर बैठ जाते हैं।न रहने के लिए जगह दे रहे हैं।प्रशासन हमें कहीं अन्यत्र शिफ्ट नही कर सकता तो हमे हमारे हाल पर छोड़ दे।

वही जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान का कहना है कि अतिक्रमण हटाये जाने की स्थिति में पहले ये देखा जाता है कि उस जमीन का मालिकाना हक है या नही,पेपर कौन से है कौन से नहीं…उन्होंने ये भी कहा एक मौका भी दिया जाना होता है…साथ ही उनका कहना है कि उनका रिसेटलमेंट या उनको कहा रखा जाना है।इस संबंध में उपजिलाधिकारी और नगर आयुक्त से डिटेल में रिपोर्ट मांगी जाएगी।इसके बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

अब देखने वाली बात यह होगी कि कब तक प्रशासन अतिक्रमणकारियों पर सिर्फ चिन्हीकरण की तलवार लटका कर रखता है या उनको कहीं और शिफ्ट करता है।

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