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22 साल बाद भी उत्तराखंड की स्थिति जस की तस,पहाड़ो पर विकास के नाम पर सिर्फ छलावा
उत्तराखंड-उत्तराखंड बनाते समय राज्य आंदोलनकारियों ने जो सपने देखे थे व जिन सपनो के साथ उत्तराखंड बनाया था वह कहीं भी धरातल पर नजर नही आता है।राज्य बनाने के समय जो शहीद हो गए थे उनके परिजन 22 साल बाद भी उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं।
पहाड़ो की स्थिति आज भी जस की तस बनी हुई है।जो आप तस्वीरों में देख सकते हैं।कोटद्वार में स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों ने सरकार के कार्यक्रम का बहिष्कार किया।जिसकी चेतावनी उन्होंने पहले ही दे दी थी
अगर हमारी मांगे पूरी नही हुई तो कार्यक्रम में नही जाएंगे।सरकार चाहे कॉंग्रेस की रही हो या भाजपा की दोनों ने ही हमारी अनदेखी की है।राज्य आंदोलनकारी लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं।लेकिन सालों के बाद भी वह लोग धरने प्रदर्शन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने को मजबूर है।