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उत्तराखंड

डीएम सविन बंसल पैदल पहुंचे फुलेत,आपदा प्रभावितों की सुनी समस्याएं

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देहरादून-जिलाधिकारी ने जनपद के सबसे दुर्गम और आपदाग्रस्त क्षेत्र फुलेत का दौरा किया। प्रशासन अब तक हेली सेवा के माध्यम से राशन-रसद पहुंचाता था…लेकिन इस बार डीएम ने हेली का विकल्प छोड़कर दुर्गम और पैदल रास्तों से सीधे प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।

जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलोमीटर छमरौली तक कठिन रास्तों से होकर और फिर छमरौली से लगभग 12 किलोमीटर पैदल रूट तय करते हुए डीएम प्रशासनिक अमले के साथ फुलेत पहुंचे। वहां उन्होंने आपदा से हुई क्षति का गहराई से आकलन किया और जनमानस की समस्याएं सुनीं।

डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जनजीवन जल्द से जल्द सामान्य बनाने के लिए युद्धस्तर पर काम करें। फुलेत क्षेत्र में पुलिया, सड़क और पगडंडियां आपदा के दौरान धुल गई हैं। डीएम ने गाढ, गदेरे, ढौंड और ढंगार पार कर प्रभावित परिवारों से मुलाकात की और हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन हर हाल में प्रभावितों के साथ खड़ा है। करीब ढाई घंटे का पैदल सफर कर डीएम ने क्षेत्र के लोगों की समस्याएं सुनीं। भूमि कटाव, फसल क्षति, भवन क्षति और पशु हानि का आकलन कर मुआवजे के लिए तहसीलदार, ब्लॉक प्रभारी कृषि, एडीओ उद्यान और जेई लोनिवी को मौके पर तैनात किया जाएगा।

डीएम सविन बंसल ने लोनिवी अधिकारियों को आज ही भवनों की क्षति की तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मृतकों और लापता मजदूरों का समुचित विवरण प्रस्तुत करने के लिए पीएमजीएसवाई को भी निर्देश जारी किए गए हैं।

आपदा में मलबे से ब्लॉक खाले और पैदल रास्ते खोलने के लिए पीएमजीएसवाई को मौके पर धन की स्वीकृति देते हुए तुरंत कार्य शुरू करने के आदेश दिए गए हैं। साथ ही विद्यालयों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए मुख्य शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी को क्षेत्र का दौरा कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

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