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राज्य बिजली संकट से जूझ रहा सरकारी विभागों को नही पड़ता फर्क
उत्तराखंड में बिजली का संकट गहराया हुआ है खपत अधिक और उत्पाद कम होने के कारण घंटों की रोस्टिंग हो रही है जिससे व्यापार भी प्रभावित हो रहा है खासकर फैक्ट्रियों पर रोस्टिंग के कारण संकट के बादल मंडराने लगे हैं प्रदेश में बिजली कटौती के कारण जहां आम जनमानस परेशान और बेहाल है
वही सरकारी विभागों की बात की जाए तो वहां पर बिजली के मामले में लापरवाही देखने को मिली।कोटद्वार के सभी सरकारी विभागों में कार्यालय में किसी के नही होने पर भी लाईट्स पंखे खुले पाए गए।सरकारी विभागों में कर्मचारियों की गैरमौजूदगी में भी सभी लाइट और पंखे खुले रहते हैं और ये लापरवाही सरकारी विभागों में अक्सर देखने को मिल जाती है जिसके कारण बिजली का संकट दिन पर दिन गहराता चला जा रहा है इसके बावजूद भी अधिकारियों ओर कर्मचारियों का रवैया उदासीन बना हुआ है।
इस बाबत जब कर्मचारियों से बात की गई तो वह कोई खास उत्तर नही दे पाए और विजुअल बनाने पर बिगड़ने लगे।अधिकतर सरकारी विभागों में उपजिलाधिकारी,सीओ, नगर आयुक्त, बिजली घर,वन विभाग सभी सरकारी कार्यालयों में यही नजारा देखने को मिला।बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता के कार्यालय में 4 लाइट ओर दो पंखे संचालित थे उनसे इस बारे में सवाल पूछने पर उनका तर्क था मुझे इतनी लाइट ओर पंखे चलाने की आदत है।सरकारी विभागों की ऐसी लापरवाही का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है।