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एक्सक्लुसिव-पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढेगा इंडिया स्लोगन क्या ऐसे होगा सार्थक
कोटद्वार-सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई को लेकर प्रदेश की धामी सरकार बड़े बड़े दावे तो करती है।लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है।
मंचो पर खड़े होकर शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों की सुधरी दशा का बखान करते नही थकते हैं ओर साथ ही अच्छी पढ़ाई के दावे भी किए जाते हैं।
लेकिन हाल कुछ अलग ही है क्योंकि सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई भगवान भरोसे ही नजर आ रही है. ऐसा ही एक मामला यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव के स्कूल का देखने को मिला।राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय भेड़गांव में पानी नही आने के कारण पीने का पानी स्कूली छात्रों से मंगवाया जाता है।देश का भविष्य कहे जाने वाले यह बच्चे पढ़ाई छोड़कर पानी लाने का काम कर रहे हैं।जिसमे अध्यापक स्कूल का हैंडपंप खराब होने पर बच्चो को 1 किलोलीटर दूर पानी लाने के लिए भेजते है।
पहले ही पहाड़ों पर सरकार ने शिक्षा के नाम पर स्कूलों में कोई खास सुविधाएं नही दे रखी हैं।ऐसे में रही सही कसर स्कूल के प्रधानाचार्य पूरी कर रहे हैं।क्या ऐसे ही पढ़ेगा इंडिया तो बढेगा इंडिया का स्लोगन सार्थक हो पायेगा क्या इस स्कूल के प्रधानाचार्य पर कोई कार्यवाही हो पाएगी यह तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा।