उत्तराखंड
सिंचाई की नहर से कब हटेगा अतिक्रमण,जिलाधिकारी से शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही
कोटद्वार-कोटद्वार में सिंचाई की नहर पर 41 खोखे रखे हुए हैं।जोकि अतिक्रमण में आते हैं।11 खोखे हटाने के लिए कोर्ट और एसडीएम कोर्ट दोनों से आदेश होने के बाद भी सिंचाई विभाग कार्यवाही करने से बच रहा है।सिंचाई की नहर के अतिक्रमण की बात विधानसभा अध्यक्ष और जिलाधिकारी दोनों के सामने भी रखी गई…लेकिन दोनों ही चुप्पी साधे बैठे हैं।
जुलाई माह में जिलाधिकारी ने नगर निगम में सभी विभागों की एक बैठक ली थी उस समय यह मामला भी रखा गया था।ऐसा लगता है की सिंचाई विभाग से काम लेने में सरकार और प्रशासन दोनों ही नाकाम साबित हो रहे हैं।जहां एक और लगातार गोखले मार्ग से अतिक्रमण हटाने की बात की जाती रहती है।वहीं दूसरी और सिंचाई वालों पर मेहरबानी करने की क्या वजह हो सकती है।सिंचाई विभाग अपनी ही जिद पर अड़ा है जब तक सभी 41 खोखे हटाने के आदेश नहीं होंगे हम कार्यवाही नहीं करेंगे।यह तो वही बात हो गई *न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी* सभी जानते हैं एक साथ 41 खोखे हटाने की कोर्ट से एक बार में ही आदेश होना मुश्किल है।जैसे जैसे सुनवाई होती जाती है उसी आधार पर आदेश दिए जाते हैं।
अतिक्रमण हटाने के आदेश भी प्रशासन के होते हैं और अतिक्रमणकारियों को आदेश के बाद भी समय भी प्रशासन ही देता रहता है…ओर अतिक्रमणकारी कोर्ट,हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट चले जाते हैं।तय समय के बाद भी अतिक्रमण नही हटाना विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगता है ओर ऐसे में सिंचाई की नहर का अतिक्रमण कभी नहीं हट पाएगा क्या….वहीं अजय जॉन के बहाने खत्म होने का नाम नहीं लेते हैं।इस सम्बंध में पूछे जाने पर उनका कहना है कि अतिक्रमणकारी सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं।ऐसे में अब अतिक्रमण हटाना मुश्किल है।