उत्तराखंड
पहाडूं क दगडी अब कोटद्वार बटै भी पलायन शुरू ह्वे गै चुनौ म रोजगारे मुद्दा छुईं छन लापता
कोटद्वार-आगामी लोकसभा चुनावों में पौड़ी गढ़वाल की सीट वीवीआईपी हो गई है।सांसद प्रत्याशी बलूनी के समर्थन में अमित शाह वोट करने की अपील करने आये।कोटद्वार पहुँचे अमित शाह काफी कुछ गिना गये।परंतु उत्तराखण्ड के ज्वलंत मुद्दे जैसे अंकिता हत्याकांड,मूल निवास और भू कानून आदि पर एक शब्द नहीं कहा।वर्तमान समय में रोजगार सबसे अहम मुद्दा है।रोजगार के मुद्दे पर कोई बोलने को तैयार नहीं है।पहाड़ों से पहले ही लगातार पलायन हो रहा था।
अब पहाड़ों के साथ साथ कोटद्वार से भी पलायन हो रहा है।जो शायद राजनीति पार्टियों को नजर नहीं आ रहा है।जहां तक तक भाजपा सांसद प्रत्याशी के गोद लिए बोरगांव की बात करें तो वह गांव भी आज एक खंडहरों का टीला बनकर रह गया है, ऐसे में यह प्रश्न आम जनता के बीच चर्चा का विषय भी है कि सांसद प्रत्याशी बोरगांव का ही पलायन नहीं रोक पाए ऐसे में वह पहाड़ों का पलायन कैसे रोक पाएंगे…क्या बोर गांव की तरह ही विकास होगा।पहाड़ों से लेकर कोटद्वार तक सड़कों की स्थिति बदहाल है।एक निजी समारोह में शिरकत करने आये कुमार विश्वास ने कोटद्वार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए तंज कसते हुए कहा।यहां शायद विकास पहुंचा ही नही है।यह आज भी यक्ष प्रश्न है।स्थानीय युवाओं के पास रोजगार नहीं है, महगाई की मार चरम पर है।पढ़ाई करने के बाद युवाओं को नौकरी नही मिल रही…ऐसे में युवा डिप्रेशन में चला जाता है ओर वह नशे जैसी गलत संगत में पड़ जाता है।जिस युवा की पढ़ाई के बाद नौकरी के सपने मां बाप ने देखे थे वह सब धराशायी होने लगते हैं….लेकिन नेताओं के चुनावी वादे कभी पूरे नहीं होते।