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उत्तराखंड

बुजुर्गों की फरियाद पर D.M. का दिल पसीजा, बेटे-बहू को निकाले बिना सुलझा दिया मामला!

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देहरादून: जिला प्रशासन की पहल पर एक बिखरता हुआ परिवार टूटने से बच गया। जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप से खुड़बुड़ा निवासी एक बुजुर्ग दंपत्ति और उनके बेटे-बहू के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद का समाधान हो गया।

बुजुर्ग दंपत्ति जसवंत सिंह और उनकी पत्नी ने अपने बेटे और बहू के व्यवहार से तंग आकर उन्हें घर से बेदखल करने की मांग करते हुए भरण-पोषण अधिनियम के तहत डीएम कोर्ट में केस दर्ज किया था। उन्होंने 22 अगस्त को जिलाधिकारी से व्यक्तिगत रूप से मिलकर अपनी व्यथा साझा की थी।

जिलाधिकारी की मध्यस्थता बनी सुलह की वजह

जिलाधिकारी सविन बंसल ने दो दौर की सुनवाई में न केवल दोनों पक्षों को धैर्यपूर्वक सुना…बल्कि सूझबूझ के साथ मामले को सुलझाया। उन्होंने बुजुर्ग दंपत्ति से भावनात्मक अपील की कि वे अपने बेटे-बहू और तीन छोटे बच्चों को घर से बाहर न निकालें। साथ ही उन्होंने बेटे और बहू को भी बुजुर्ग माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का अहसास कराया।

आर्थिक रूप से कमजोर परिवार, लेकिन दिल से मजबूत

बेटा बंसी कपड़े की छोटी दुकान चलाता है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। उसका एक दिव्यांग भाई भी है…और बाकी दो भाई अपने-अपने परिवारों के साथ अलग रहते हैं। वर्तमान में बंसी के तीन छोटे बच्चे हैं….दो बेटियां और एक बेटा।

जिलाधिकारी ने कहा कि परिवार को साथ रखने के लिए एक-दूसरे को समझना और सहारा देना ज़रूरी है। उन्होंने इस मामले में सहमति बनाकर परिवार को टूटने से बचाया…जो कि आज के समय में एक बड़ी मिसाल है।

प्रशासन रखेगा नजर

जिला प्रशासन ने इस पारिवारिक सुलह की निरंतर मॉनिटरिंग करने का निर्णय लिया है….ताकि भविष्य में कोई नई परेशानी न खड़ी हो।

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