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उत्तराखंड

आयुष अस्पतालों के निर्माण पर निदेशक की सख्ती, कहा.…देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं!

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कोटद्वार: राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के प्रयासों के तहत अपर सचिव आयुष शिक्षा विभाग एवं निदेशक डॉ. विजय कुमार जोगदंडे ने मंगलवार को कोटद्वार क्षेत्र में निर्माणाधीन आयुष अस्पतालों का निरीक्षण किया। उन्होंने हल्दूखाता में बन रहे 50 बेड के आयुष अस्पताल और सिंबलचौड़ में 10 बेड के अस्पताल में चल रहे…कार्यों की प्रगति का जायजा लिया।

निरीक्षण के दौरान निदेशक ने कार्यदायी संस्था पेयजल निगम के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरे किए जाएं…ताकि शीघ्र ही स्थानीय नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

डॉ. जोगदंडे ने हल्दूखाता अस्पताल परिसर का बारीकी से निरीक्षण करते हुए भवन की संरचना, अधोसंरचना और बाहरी परिसर की स्थिति देखी। उन्होंने वर्षा जल के निकासी की अपर्याप्त व्यवस्था पर नाराज़गी जताते हुए पेयजल निगम को तत्काल प्रभाव से प्रभावी जल निकासी व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि निर्माण में उपयोग हो रही सभी सामग्रियों की सैंपलिंग कराई जाए…ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न रहे।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि अस्पताल निर्माण में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी…और सभी कार्य मानकों के अनुरूप व तकनीकी दृष्टि से सटीक होने चाहिए।

इसके बाद निदेशक ने सिंबलचौड़ स्थित 10 बेड के अस्पताल में चल रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने पेयजल निगम को 15 दिनों के भीतर कार्य पूरा करने के सख्त निर्देश दिए और कहा कि अस्पतालों के संचालन में विलंब से जनता को सीधा नुकसान होता है…इसलिए समयबद्धता और पारदर्शिता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

निरीक्षण के दौरान उपजिलाधिकारी कोटद्वार शालिनी मौर्य, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी शैलेंद्र पांडेय, अधिशासी अभियंता पेयजल निगम वीरेंद्र भट्ट, तहसीलदार साक्षी उपाध्याय समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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