उत्तराखंड
सीएम के आदेशों को ठेंगा दिखा रहे उत्तराखंड के सभी डीएम,मुख्य सचिव ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी जिलाधिकारियों को दिए आदेश एक सप्ताह के भीतर ज़मीनों की ख़रीद फरोख्त का दें ब्योरा
उत्तराखंड-उत्तराखंड में लगातार भू कानून की मांग उठ रही है।जिस पर मुख्यमंत्री के आदेश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द रिपोर्ट देने के आदेश दिया थे।लेकिन जिलाधिकारियों ने आदेश को गम्भीरता से नहीं लिया और चुप्पी साध कर बैठ गए।मुख्य सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए जमीनों की खरीद फरोख्त की एक सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।भू कानून के प्रावधानों के विपरीत भूमि की खरीद-फरोख्त की रिपोर्ट शासन को अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव ने रिपोर्ट तलब की थी।सरकार की मंशा राज्य से बाहर के उन लोगों का पता लगाना है जिन्होंने उत्तराखंड (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) में किए गए संशोधन के विपरीत सीमा से अधिक भूमि खरीदी है।
अधिनियम में वर्ष 2007 में यह संशोधन हुआ था,जिसके तहत निकाय क्षेत्रों से बाहर राज्य में कोई भी व्यक्ति स्वयं या अपने परिवार का घर बनाने के लिए अधिकतम 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद सकता है।वही सरकार को लगातार शिकायतें मिल रही हैं कि एक ही परिवार के सदस्यों ने अलग-अलग भूमि खरीदकर इसका उल्लंघन किया।मुख्य सचिव ने ऐसे मामलों की जांच कर इनकी रिपोर्ट देने को कहा था। इसके अलावा मुख्य सचिव ने विभिन्न प्रयोजनों से खरीदी गई भूमि के उचित उपयोग का भी ब्योरा मांगा। दरअसल, सरकार के पास यह खबर है कि कई लोगों ने नियमों में छूट का फायदा उठाकर भूमि तो खरीद ली, लेकिन उस प्रयोजन से उसका उपयोग नहीं किया।