उत्तराखंड
जीतने के बाद जनप्रतिनिधि ओर जनता के बीच दीवार बन जाते हैं कार्यकर्ता,जनसभाओं के माध्यम से सीधा संवाद हो जनता का विधायक से
कोटद्वार-कोटद्वार में जनप्रतिनिधि को जनता से सीधा संवाद करना चाहिए।जिस तरह चुनाव लड़ते वक्त जगह जगह जाकर जनसभाएं करते हैं।उसी तरह जीतने के बाद कार्यकर्ताओं को साइड करके सीधे बात कहने का जनता को मौका मिलना चाहिए। जनता और जनप्रतिनिधि के बीच कार्यकर्ता खड़े रहते हैं।जिससे जनता की सीधी बात जनप्रतिनिधि तक नही पहुंच पाती है।
चाटुकार कार्यकर्ताओं का आगे पीछे घूमने का अपना मकसद होता है लेकिन आम नागरिक को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी व सड़क की समस्याओं को ही लेकर आता है।ऐसे कार्यक्रमों में जनता के साथ-साथ अधिकारियों को भी वहां बैठाना चाहिए।जिससे जो समस्या जिसकी हो उसके बारे में उसे अधिकारी से मौके पर ही जानकारी ली जाए यदि अधिकारी गलत और भ्रमित करता है।जनता को बेख़ौफ़ होकर बोलना हक मिलना चाहिए।जिस अधिकारी के कारण समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है जनप्रतिनिधि को उसे पर एक्शन लेते हुए कार्यवाही करनी चाहिए।जब तक जनता और जनप्रतिनिधियों के बीच कुछ चाटुकार कार्यकर्ता खड़े रहेंगे तब तक जनता की आवाज जनप्रतिनिधि तक नहीं पहुंच सकती। कितनी बार ऐसा होता है जनता अपनी समस्याएं लेकर आती है लेकिन वह अपनी बात कहने के लिए जनप्रतिनिधि तक पहुंच ही नहीं पता है….अक्सर देखने में आता है जब भी जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में आता है कार्यकर्ता चारों ओर से घेर लेते हैं और आम पब्लिक अपनी समस्याएं लिए दूर खड़ी रह जाती है।