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बरसात में नदी किनारे बसे घरों को खाली करने की चेतावनी,नदी किनारे बने होटलो के लिए कब….

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कोटद्वार-बरसात के मौसम में पहाड़ों व नदियों के किनारे रहने वालों का जीवन ख़ौफ़ के साये में गुजरता है ओर हर साल कुछ न कुछ तबाही के निशान छोड़ जाता है।तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है कहीं बादल फट रहे हैं तो कहीं बोल्डर गिरने के कारण लोग आपदा की भेंट चढ़ रहे हैं।धराली में आई आपदा में नदी के पास बने बड़े बड़े होटल पलक झपकते ही पानी के सैलाब में बह गए और होटलों में पानी और मलबा भर गया।कितने ही लोगों की जान चली गई।

कसूरवार कौन प्रकृति या मनुष्य

जी हाँ अब हम बात करते हैं कि देश या उत्तराखंड में इतनी अधिक आपदाएं क्यों आ रही हैं कहीं इसका जिम्मेदार मनुष्य ही तो नही है।माना हम प्रकृति से नही लड़ सकते लेकिन हम प्रकृति को बचा भी कहा रहे हैं।पहाडों को काट कर बड़े बड़े होटल, रिसोर्ट बनाये जा रहे हैं।जिसके लिए हजारों की संख्या में पेड़ों पर आरी चलाने से भी परहेज नही कर रहे हैं।इसके लिए सम्बंधित विभाग भी जिम्मेदार हैं।कोटद्वार से लेकर लैंसडाउन,जयहरीखाल,फतेहपुर,आमडाली,गुमखाल सब जगह बड़ी बड़ी बिल्डिंगों का जाल बिछा हुआ है।2017 में कोटद्वार में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी जिसमे 5 लोगों की जान भी चली गई थी।बादल फटने की घटनाएं पहाड़ो में बढ़ती ही जा रही हैं।

बरसात में प्रशासन कर रहा सतर्क

बरसात में नदी नाले उफान पर रहते हैं और लगातार बारिश होने से नदियाँ अपना रौद्र रूप भी दिखाने लगती हैं।बरसात में तहसील प्रशासन,नगर निगम व पुलिस नदी,नालों व गदेरों के किनारे रहने वालों को एनाउंसमेंट के जरिये लगातार सतर्कता बरतने की अपील कर रहे हैं।जिससे जान माल की हानि न हो सके और सभी सुरक्षित रहें।प्रशासन की तरफ से इसी तरह का कोई एनाउंसमेंट नदी किनारे बने होटलों व रिसॉर्ट की तरफ भी किया जाता है क्या…. यह एक बड़ा सवाल उठता है।कोटद्वार से लेकर ऊपर पहाडों पर जितने भी रिसोर्ट बने हुए हैं अधिकतर नदियो के किनारे ही बने हुए हैं या यह कहे कि बनाये गए हैं।बरसात में रास्ते बंद होने या अन्य किसी कारण से पब्लिक को रुकने के लिए इन्ही होटलों का सहारा लेना पड़ता है।नदी किनारे बने इन होटलों व रिसोर्ट में नदी के रौद्र रूप के कारण कोई आपदा आ जाती है और उत्तरकाशी के धराली की ही तरह यह कंक्रीट की बिल्डिंगें ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती हैं या होटलो में पानी भर जाता है।उस स्थिति में उनमे रहने वाले यात्रियों की जान माल की जिम्मेदारी किसकी होगी।तहसील,निगम,पुलिस या सरकार किसकी……यक्ष प्रश्न ?

वही एएसपी से नदी किनारे बने होटलो की तरफ एनाउंसमेंट होने की जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि उधर भी एनाउंसमेंट से सतर्क रहने की अपील करवाई जाएगी।

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