उत्तराखंड
विधवा पेंशन पर आश्रित महिला का कोटद्वार तहसील कर्मियों ने आय प्रमाण पत्र में दर्शा दी 10 हजार रुपये की धनराशि
कोटद्वार-एक विधवा महिला के साथ सरकारी दस्तावेज़ों में की गई चूक ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर सरकारी व्यवस्था में गरीब और जरूरतमंद की असल पहचान कब होगी?

मामला कोटद्वार तहसील क्षेत्र का है,पदमपुर मोटाढाक की रहने वाली शालिनी ने बताया कि 2020 में उसकी शादी हुई थी और 2022 में उनके पति की मृत्यु हो गई थी।उसके पास आय का कोई साधन नहीं है और समाज कल्याण से मिलने वाली 1500 की पेंशन पर ही निर्भर है।महिला पढ़ी-लिखी है और अपनी हालत के बावजूद आत्मनिर्भर बनने की कोशिश में लगी है।कोटद्वार तहसील से आय प्रमाण पत्र बनवाया।जिसमे तहसील कर्मियों ने अपनी मर्जी से 10000 दिखा दी।तहसील में आय प्रमाण पत्र लेने गई महिला ने दस्तावेज़ में उसकी मासिक आय 10,000 से अधिक दर्शाई हुई है।जबकि बैंक स्टेटमेंट और पेंशन की कॉपी से साफ़ पता चलता है कि उसकी नियमित आय सिर्फ 1500 है वो भी समाज कल्याण पेंशन के रूप में।आम जनता को पहले दस्तावेज बनवाने के लिए भटकना पड़ता है,बने हुए गलत दस्तावेजों को ठीक करवाने के लिए एक बार फिर चक्कर काटने पड़ते हैं।यह किसी एक महिला का नही ओर भी कई अन्य लोगों का मामला है।
वही इस मामले में तहसीलदार साक्षी से पूछने पर उन्होंने बताया कि जिनके आय प्रमाण पत्रों में इस तह की त्रुटि हुई है उनको अपील में बुलाकर ठीक किया जा रहा है।

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