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उत्तराखंड में प्राधिकरण पर रोक लगने के बाद से पौड़ी जिले में मानकों को ताक पर रखकर बिना लेवर सेस दिए बना दिये कंक्रीट के जंगल राजस्व को हानि विभाग नींद में
उत्तराखंड में प्राधिकरण पर रोक लगने के बाद नियमों को ताक पर रखकर बिना नक्शा पास कराए और बिना लेबर सेस जमा किए सरकार को लाखो का चूना लगाया गया है..
पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार से लेकर भावर तक कंक्रीट के जंगलों की जैसे बाढ़ सी आ गई है।एक के बाद एक कंस्ट्रक्शन करवाये गए और करवाये जा रहे हैं।सवाल ये उठता है कि जिन लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई को कंक्रीट में तब्दील किया है बड़े बड़े मॉल,कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स व अन्य बिल्डिंगस बनाई गई हैं..फतेहपुर में होटल,रिसॉर्ट मानकों को तक पर रख कर बन रहे हैं
क्या उन लोगो ने लेवर सेस दिया है या नही..कहीं ऐसा तो नही प्राधिकरण न होने से लेवर सेस भी नही दिया है इससे सरकार को राजस्व का नुकसान तो नहीं हो रहा।श्रम विभाग में लेबर कमिश्नर को ऐसी बिल्डिंगों को चिन्हित किया जाना चाहिए जिन्होंने लेवर सेस नही दिया है उनको नोटिस दिया जाए जिससे राजस्व को हानि न हो।