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कोटद्वार में सत्यापन की प्रक्रिया न होने के कारण हो रही ई रिक्शा जैसी घटनाएं
कोटद्वार उत्तर प्रदेश की सीमा से सटा हुआ है और कोटद्वार में प्रवेश करने के लिए कई रास्ते हैं जिससे यूपी के अपराधी आसानी से कोटद्वार में प्रवेश कर अपराध करके भाग जाते हैं। कोटद्वार पुलिस भले ही अपनी पीठ थपथपाती रहे।लेकिन उत्तर प्रदेश के अपराधी उनको ठेंगा दिखाकर अपराध करके भाग जाते हैं।
ई रिक्शा चालक से लूट का मामला यही दर्शाता है कि कोटद्वार में सत्यापन की कार्यवाही नहीं होने के कारण ऐसी घटनाओं को उत्तर प्रदेश के अपराधी कोटद्वार में आकर अंजाम देकर भाग जाते हैं।ऐसा नहीं है कि कोटद्वार पुलिस अपराधियों पर शिकंजा नहीं कस रही है लेकिन कहीं ना कहीं बाहरी लोगों के आने का सत्यापन ना होने के कारण कोटद्वार में अपराधिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं बार-बार आम जनता के कहने के बावजूद भी सत्यापन की प्रक्रिया नहीं की जाती है जिससे अपराधिक प्रवृत्ति के लोग कोटद्वार में प्रवेश कर और अपराध करके भाग जाते हैं।पहले कोटद्वार में सुबह को अलग अलग टीम बनाकर सत्यापन की प्रक्रिया पुलिस के द्वारा की जाती थी।लेकिन काफी लंबे समय से सत्यापन की प्रक्रिया नहीं होने से अपराधियों की मौज बहार बनी हुई है गली मोहल्ले में कूड़ा बीनने वाले कबाड़ लेने वाले और फेरी लगाने वाले बिना सत्यापन के मोहल्लों में घूमते रहते हैं सत्यापन मांगने पर उल्टा लड़ने को तैयार हो जाते हैं जिससे साफ जाहिर होता है कि कोटद्वार पुलिस सिर्फ थाने में बैठकर अपनी पीठ थपथपाती रहती है।
वही पुलिस का कहना है कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर से आकर ई रिक्शा चालक को नशीला पदार्थ पिलाकर मारपीट और लूटपाट की गई थी।