उत्तराखंड
देहरादून में नशा तस्करों की खैर नहीं! प्रशासन ने कसी कमर, ऑन-द-स्पॉट कार्रवाई की तैयारी
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन “ड्रग्स फ्री देवभूमि” को साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने राजधानी देहरादून में व्यापक अभियान की शुरुआत कर दी है। जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को ऋषिपर्णा सभागार में आयोजित जिला स्तरीय नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक में नशे के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी रणनीति तय की गई।

जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट कहा कि राजधानी में नशा तस्करों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी मेडिकल स्टोर और दवा फैक्ट्री का निरंतर निरीक्षण किया जाए नशीले पदार्थों की रोकथाम हेतु सघन जांच की जाए और हर स्टोर में सीसीटीवी अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाए।

राजधानी के उच्च शैक्षणिक संस्थानों में मास लेवल ड्रग्स टेस्टिंग सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन ने 6,000 टेस्ट किट खरीदने का निर्णय लिया है। इसके तहत सरकारी और निजी कॉलेज, यूनिवर्सिटी व उच्च शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स टेस्टिंग की जाएगी। डीएम ने स्वास्थ्य विभाग को मौके पर ही फंड की स्वीकृति प्रदान की।
जिला प्रशासन ने नशा मुक्त दून के लिए पब्लिक हेल्पलाइन नंबर, डेडिकेटेड सेल और स्कूलों में गठित एंटी ड्रग्स समिति को सीधे एसटीएफ से लिंक करने की कवायद शुरू कर दी है। डीएम ने कहा कि यह त्वरित कम्यूनिकेशन सुनिश्चित करेगा और नशा विरोधी गतिविधियों की निगरानी प्रभावी बनेगी।
जिलाधिकारी ने सभी नशा मुक्ति केंद्रों का स्थलीय निरीक्षण, पटवारी और पुलिस के माध्यम से रिपोर्टिंग और नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, प्रत्येक नागरिक को मानस हेल्पलाइन नंबर 1933 और एनसीवी मानस पोर्टल की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी ताकि अवैध कारोबार की सूचना तुरंत प्रशासन तक पहुँच सके।
डीएम ने कहा कि नशे के सौदागर और दवा मिलावट करने वालों पर अब संगीन धाराओं में ऑन-द-स्पॉट मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके साथ ही, एएनटीएफ, एसटीएफ, पुलिस, एनसीबी और औषधि नियंत्रक सभी मिलकर नशा रोकने के अभियान को सख्ती से लागू करेंगे।

बैठक में डीएफओ मंयक गर्ग, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जय भारत सिंह, एसडीएम सदर हरिगिरी, एसडीएम स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढौडियाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ मुकेश कुमार शर्मा, जिला आबकारी अधिकारी वीरेन्द्र कुमार जोशी, समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल, ड्रग्स इंस्पेक्टर विनोद जगूडी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि सड़क सुरक्षा के दौरान ड्रग्स टेस्टिंग की जाएगी और ग्रामीण क्षेत्रों में आशा वर्कर व सेविकाओं के माध्यम से लोगों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया जाएगा।
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