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उत्तराखंड

डीएम के प्रयास से संवरी रही हैं जिंदगियां,राइफल क्लब फंड से मिली 6 लोगों को आर्थिक सहायता

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देहरादून: देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल लगातार समाज के निर्धन, असहाय और जरूरतमंद वर्ग को मुख्यमंत्री की प्रेरणा से मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में राइफल क्लब फंड का उपयोग कर मंगलवार को 6 लोगों को 1.35 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।

जिलाधिकारी ने कहा कि यह फंड एक “लक्जरी ट्रांजेक्शन” से निकलकर जनसेवा का माध्यम बन चुका है, और इसका इस्तेमाल समाज के उन लोगों के लिए हो रहा है जो सरकारी योजनाओं से वंचित रह जाते हैं।

धर्मपुर निवासी मीनाक्षी रतूड़ी के पति का हाल ही में आकस्मिक निधन हो गया था, जिसके बाद वह आर्थिक और मानसिक रूप से बेहद परेशान थीं। स्कूल फीस न दे पाने के कारण उनके बच्चों का नाम स्कूल से काटा जा रहा था। जब यह मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आया तो उन्होंने राइफल क्लब फंड से 25,000 की सहायता प्रदान कर बच्चों की पढ़ाई को रुकने से बचाय।

बीमारी से जूझ रहीं महिलाएं और दिव्यांगों को भी मिली मदद

कैंसर पीड़ित शारदा देवी (विजय कॉलोनी) और

दीपा देवी (आडीपीएल, ऋषिकेश) को
इलाज के लिए 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई।

डालनवाला निवासी इजाजुद्दीन, जिनकी आंखों की रोशनी चली गई है, उन्हें बेटी की शादी के लिए 25,000 की मदद दी गई।

बडोवाला आरकेडिया ग्रांट निवासी दिव्यांग जितेंद्र, जो बिजली बिल न दे पाने के कारण अंधेरे में रहने को मजबूर थे, उन्हें 25,000 की सहायता दी गई।

वहीं क्लेमनटाउन के दिव्यांग अब्दुल रहमान को सिलाई मशीन खरीदने और स्वरोजगार शुरू करने के लिए 10,000 की आर्थिक मदद मिली।

अब तक 11.05 लाख की सहायता दी जा चुकी, सीएसआर मॉडल की तर्ज़ पर हो रहा फंड का उपयोग

डीएम बंसल ने बताया कि राइफल क्लब फंड का उपयोग समाजसेवा के लिए जिले में पहली बार शुरू किया गया है। अब तक इस फंड से 11.05 लाख की सहायता वितरित की जा चुकी है। पूर्व में:

झुग्गी बस्ती, प्रेमनगर की एक दिव्यांग महिला को बालवाड़ी मरम्मत हेतु 1.30 लाख

त्यूनी की नीतू दुर्गादेवी को बिजली बिल के लिए 18,000

अनाथ अदिति के पिता द्वारा लिए गए बैंक ऋण की अदायगी हेतु 50,000

शमीमा (भगत सिंह कॉलोनी) को स्वरोजगार हेतु 30,000

सरस्वती शिशु मंदिर, भोगपुर को बच्चों के परिवहन हेतु वाहन खरीदने के लिए 5,73,950 की सहायता दी गई।

डीएम सविन बंसल ने सभी लाभार्थियों से अपील की कि इस आर्थिक सहायता का सिर्फ उपभोग न करें बल्कि इसे निवेश की तरह उपयोग करें ताकि जीवन में स्थायित्व और सम्मान के साथ आगे बढ़ा जा सके। उन्होंने कहा कि हम हर जरूरतमंद की समस्या को पूरी तरह तो नहीं सुलझा सकते लेकिन आर्थिक सहयोग के जरिए राहत जरूर दे सकते हैं।

1959 से संचालित राइफल क्लब में शस्त्र लाइसेंस से जुड़ी तमाम प्रक्रियाओं जैसे…नया लाइसेंस, नवीनीकरण, सीमा विस्तार, एनओसी

शस्त्र श्रेणी परिवर्तन, आदि के लिए आवेदन शुल्क जमा होता है। इन्हीं से एकत्रित फंड को अब सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) मॉडल की तर्ज पर समाज सेवा के कार्यों में लगाया जा रहा है।

डीएम ने ग्राउंड स्टाफ और अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों की पहचान करना और सही पात्रों तक मदद पहुंचाना प्रशासन की टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। इस अवसर पर एसडीएम कुमकुम जोशी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।

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