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मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा क्यों हुए पौड़ी गढ़वाल के जिलाधिकारी से नाराज,मुख्य सचिव को भेजा पत्र,अपर जिलाधिकारी गढ़वाल को कारण बताओ नोटिस किया जारी
देहरादून-उत्तराखण्ड में स्थानीय नेताओं के पर कतर दिए जाने के कारण एक प्रकार की तानाशाही पैदा हो गई है, जिस कारण अधिकारी नियम कानूनों की बजाय राजा की बात और इशारे के अलावा और कुछ नहीं कर रहे। स्थानीय भाजपा नेता भी कई सामाजिक मसलों पर हाथ खड़े करने लगे हैं क्योंकि अधिकारी उनकी भी नहीं सुनते। इस वजह से अधिकारी नियम कानूनों का पालन नहीं कर रहे हैं और सूचना मांगने पर सूचना भी नहीं दे रहे हैं। अब तो हद हो गई है कि उत्तराखण्ड सूचना आयोग के आदेशों को भी अधिकारी ताक पर रख दे रहे हैं।
उत्तराखण्ड सूचना आयोग के आदेशों के बावजूद अपर जिलाधिकारी गढ़वाल द्वारा 25 अप्रैल 2024 एवम 18 जून 2024 को माननीय मुख्य सूचना आयुक्त के आदेशों के बावजूद प्रथम अपील की सुनवाई न करने एवम जिलाधिकारी गढ़वाल द्वारा 18 जून 2024 को उत्तराखण्ड सूचना आयोग के द्वारा दिए गए आदेशों का पालन न करने पर आयोग द्वारा सख्त नाराजगी जताते हुए, मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा ने मामले में मुख्य सचिव से संबंधित अधिकारियों द्वारा सूचना का अधिकार में बरती गई लापरवाही और उदासीनता का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को समुचित कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित करने की अपेक्षा की है।
मामले में लोक सूचना अधिकारी/उपजिलाधिकारी कोटद्वार द्वारा माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के आदेशों का अनुपालन करने की सूचना देने की बजाय जिस आदेश पर माननीय उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगा दी गई थी, उस आदेश की छायाप्रतिलिपि प्रदान कर दी थी। मामले में 07 अक्टूबर 2023 को प्रथम अपील की गई, मगर प्रथम अपीलीय अधिकारी द्वारा मामले की सुनवाई नहीं की गई।
सूचना आयोग में 25 अप्रैल 2024 को मुख्य सूचना आयुक्त द्वारा मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी गढ़वाल को लोक सूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी की भूमिका की जांच करते हुए आख्या प्रस्तुत करने को कहा गया था।
मामले में मुख्य सूचना आयुक्त के निर्देशों के बावजूद न तो जिलाधिकारी ने मुख्य सूचना आयुक्त के आदेशों का अनुपालन किया और ना ही प्रथम अपीलीय अधिकारी जो कि अपर जिलाधिकारी गढ़वाल हैं, ने प्रथम अपीलीय की सुनवाई की।
अब आयोग ने जिलाधिकारी को मामले में प्रथम अपीलीय अधिकारी बनाते हुए प्रथम अपील की सुनवाई के आदेश जारी कर दिए हैं।
साथ ही अपर जिलाधिकारी गढ़वाल को डीम्ड लोक सूचना अधिकारी बनाते हुए आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन न करने को सूचना का अधिकार में सूचना तक पहुँच में अवरोध उत्पन्न करने का दोषी पाते हुए 250 रूपये प्रतिदिन की दर से अधिकतम 25 हजार रुपए की शास्ति अधिरोपित करने के साथ साथ उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किए जाने की अनुशंसा किए जाने के आशय का, कारण बताओ नोटिस, भी जारी कर दिया है।
जिलाधिकारी गढ़वाल पर सख्त हुए मुख्य सूचना आयुक्त विवेक शर्मा, मुख्य सचिव को भेजा पत्र, अपर जिलाधिकारी गढ़वाल को कारण बताओ नोटिस किया जारी