उत्तराखंड
अमानगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बाघ के शिकार की घटना के बाद कोटद्वार में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के डीएफओ ने की संयुक्त प्रेस वार्ता
कोटद्वार-बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हाल ही में बाघ के शिकार की घटना के बाद आज कोटद्वार में DFO बिजनौर, DFO कालागढ़, DFO कोटद्वार सहित कई वनाधिकारियों ने मीटिंग की।

जहां बताया कि दोनों राज्यों की सीमा में वन विभाग वन्य जीवो की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह अलर्ट हो चुका है, उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद से ही गश्त तेज करने के साथ ही, बाहरी और संदिग्ध व्यक्तियों पर निगरानी रखने का सिलसिला जारी है।
कोटद्वार के बद्रीनाथ मार्ग पर स्थित कॉर्बेट रिसेप्शन सेंटर में आज सभी वन अधिकारियों द्वारा बैठक में जानकारी की गई कि बिजनौर के अमानगढ़ रेंज में शिकारियों द्वारा रॉयल बंगाल टाइगर का शिकार कर उसकी खाल निकालने के मामले में वन विभाग की टीम ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 5 शिकारियों को गिरफ्तार किया और उनके पास से टाइगर के अवशेष बरामद किए। इसके अलावा बाघ की खाल बरामद करने और अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए टीम लगातार जुटी है।
इस घटना के बाद से यूपी और उत्तराखंड की सीमा पर लगे दोनों ही राज्यों के वन विभाग अलर्ट मोड पर है, वन क्षेत्रों में बने गुर्जर डेरो में भी बाहरी व्यक्तियों के आने पर उनसे पूछताछ के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। कोटद्वार में आज हुई इस बैठक में DFO बिजनौर, कोटद्वार और कालागढ़ ने वन्य जीवो की सुरक्षा को लेकर अपनी सभी तैयारियों को गिनाया और बताया कि भविष्य में वन्य जीवो को किसी प्रकार की परेशानी या उनका शिकार न हो उसके लिए पूरी तैयारिया की जा रही है।
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