उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार अपनी उपलब्धियों को गिनवाने में शहीदों की शहादत को भूली,23 मार्च 1931 को आजादी के तीन दीवानों को मिली थी फांसी
कोटद्वार-जिन शहीदों के कारण आज हम आजादी की सांसें ले रहे हैं।हम उन शहीदों को ही भूल जाएंगे तो कहीं न कहीं उनकी आत्मा भी छलनी होगी।23 मार्च 1931 को भगतसिंह,सुखदेव राजगुरु को फाँसी दी गई थी।उत्तराखंड सरकार ने अपने 3 साल के कार्यकाल की उपलब्धियां को लेकर देहरादून से लेकर राज्य के हर नगर में विधानसभा स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर सरकार की 3 साल की उपलब्धियां को सामने रखा और मंच से अपनी विकास कार्यो के गुणगान करते रहे।देहरादून से मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा लाइव टेलीकास्ट में तमाम सरकार की उपलब्धियां को रखा और आगे भी बेहतर जनता के हित में काम करने की बात रखी।

कोटद्वार की विधायक ओर उत्तराखंड सरकार में स्पीकर के पद पर हैं आज उन्होंने भी अपनी विधानसभा में विकास कार्यों की जानकारी दी और कहा कि कण्व नगरी कोटद्वार के विकास को लेकर कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
कार्यक्रम काफी बड़े स्तर पर और तमाम विभागों के भी शिविर स्टॉल कार्यक्रम स्थल पर लगे थे ,लेकिन आज का दिन 23 मार्च जो महान क्रांतिकारियों की शहादत का दिन है और इस अवसर पर आज की इस भव्य कार्यक्रम में राज्य सरकार की प्रतिनिधि विधायक कोटद्वार और विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी ने जहां अपनी उपलब्धियां रखी लेकिन आज क्रांतिकारियों की शहीदी दिवस पर दो शब्द भी क्रांतिकारियों के प्रति श्रद्धांजलि और उनके महान बलिदान को लेकर नहीं कहे, जो कि बहुत ही चिंतनीय है,क्या हमारे नेता इतिहास को भूल गए।
उनके द्वारा न शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई,इसी तरह अन्य ने भी जिसमें महापौर कोटद्वार हो या भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने इस अवसर पर क्रांतिकारियों को उनकी शहीदी दिवस पर याद करने की जहमत नहीं की,या यह सब लोग क्रांतिकारियों को भूलते चले जा रहे है।




