उत्तराखंड
कोटद्वार में एक बार फिर बनाए जा रहे आपदा के हालात,यूपी से डंपर ले जाने पर यूपी प्रशासन ने करी कार्यवाही,कोटद्वार का बना धृतराष्ट्र
कोटद्वार की खोह नदी में खनन कारोबारियों ने नदी में गहरे हरे गड्ढे कर दिए हैं।बीते कई सालों से कोटद्वार में आपदा आ रही थी ।जिसका एक कारण खनन माफियाओं के द्वारा बेहिसाब खनन किया गया।खनन करने वालों ने नदी में गहरे गड्ढे बना दिये थे जिनमे डूब कर एक ही परिवार के दो बच्चे काल के गाल में समा गए थे।विधानसभा अध्यक्ष ने दावा किया था कि मैं अपने क्षेत्र में खनन नही होने दूंगी ओर पिछले साल तक अपनी बात पर कायम भी रहीं और कोटद्वार 2024 में आपदा से भी बच गया था।लेकिन उनका दावा ओर वादा पुलों की तरह धराशायी हो गया।वर्तमान में जिस तरह खनन हो रहा है उससे लगता है कि इस बार फिर से कोटद्वार वासियों को आपदा के सामना करना पड़ सकता है।

तहसील प्रशासन पूरी तरह से धृतराष्ट्र बना हुआ है।खान अधिकारी को कई बार फोन किया गया लेकिन उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं उठाई।एआरटीओ को ओवरलोड डंपर नजर नहीं आ रहे।कोटद्वार के भोले भाले अधिकारी अपनी जिम्मेदारी इतनी अच्छे से निभाते हैं।कि आम जनता इनकी कार्यप्रणाली से बहुत लहुसन नजर आती है।
वही उत्तर प्रदेश में डंपरों को ले जाने की परमिशन नहीं है।वहाँ के थाना प्रभारी ओर एसडीएम से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा कई डंपर सीज किये गए हैं…और चेतावनी दी है कि हमारे क्षेत्र से डंपर ले जाने पर कार्यवाही की जाएगी।उत्तर प्रदेश का प्रशासन कार्यवाही कर सकता है कोटद्वार का क्यों नहीं? या हमेशा प्रशासन का डंडा गरीब पर ही चलता है माफियाओं पर नहीं पूछता है कोटद्वार……..
 

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