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उत्तराखंड

वैभव गुप्ता बने कोटद्वार की स्वच्छता क्रांति के सूत्रधार, सीएम धामी ने किया सम्मानित

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देहरादून/कोटद्वार: स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में कोटद्वार नगर निगम ने इतिहास रचते हुए उत्तराखंड में तीसरा स्थान हासिल किया और राष्ट्रीय स्तर पर भी लंबी छलांग लगाई।इस उपलब्धि का श्रेय लेने वालों में होड़ सी मच गई।वैभव गुप्ता के नेतृत्व के चलते ही यह सम्मान कोटद्वार को मिला ओर उनकी कार्यशैली को मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता से देखते हुए “अटल निर्मल नगर” सम्मान मिला।पूर्व नगर आयुक्त,वर्तमान सहायक आयुक्त व उनकी पूरी टीम के चलते ही वर्तमान मेयर को इस सम्मान को लेने का सुअवसर मिला।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में कोटद्वार नगर निगम को “अटल निर्मल नगर” पुरस्कार प्रदान किया और 20 लाख रुपये की धनराशि का चेक भी भेंट किया।यह क्षण पूरे कोटद्वार के लिए गर्व का है…लेकिन इसके पीछे सबसे बड़ी भूमिका तत्कालीन नगर आयुक्त वैभव गुप्ता की रही…जिन्होंने अपने कार्यकाल में स्वच्छता अभियान को नई दिशा दी।

वैभव गुप्ता ने अपने विज़न और कुशल नेतृत्व से कोटद्वार की तस्वीर बदल दी। उन्होंने साफ-सफाई को केवल सरकारी अभियान तक सीमित नहीं रहने दिया…बल्कि इसे जनता की जिम्मेदारी और आदत बनाने का काम किया। उनके कार्यकाल में शहर की सफाई व्यवस्था को व्यवस्थित किया गया कचरा निस्तारण की नई व्यवस्था लागू की गई और कम्पोस्टिंग यूनिट तथा प्लास्टिक बैंक जैसी कई पहल शुरू की गईं। यही नहीं उन्होंने पहली बार पर्यावरण मित्रों के लिए हेल्थ कैंप आयोजित भी कराया था जिससे उनका मनोबल बढ़ा और उन्हें सम्मान का अहसास हुआ ओर पर्यावरण मित्रों ने वैभव गुप्ता का आभार व्यक्त किया था।

वैभव गुप्ता ने स्वच्छता अभियान में बच्चों को भी सक्रिय रूप से जोड़ा। शैक्षणिक संस्थानों में प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं और बच्चों को सफाई के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उनकी रचनात्मकता को भी सम्मानित किया गया। इस पहल ने आने वाली पीढ़ी को भी स्वच्छता का संदेश दिया। इसी तरह शहर के पार्कों का सौंदर्यीकरण किया गया और मालवीय उद्यान में शहीदों के नाम से स्मृति पट्टिका लगाने जैसी प्रेरणादायक पहलें की गईं।

यद्यपि उनका ट्रांसफर अचानक हो गया और कई योजनाएं अधूरी रह गईं…लेकिन उनके कार्यकाल में किए गए कामों ने कोटद्वार को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला दी। मुख्यमंत्री धामी द्वारा मिला यह सम्मान केवल नगर निगम का नहीं….बल्कि वैभव गुप्ता की मेहनत दूरदर्शिता और जमीनी काम का परिणाम है।

कोटद्वार की इस स्वच्छता यात्रा ने यह साबित कर दिया कि यदि सही नेतृत्व मिले और ईमानदारी से काम किया जाए तो कोई भी शहर सफाई और व्यवस्था में नया इतिहास लिख सकता है।आज कोटद्वार की यह सफलता पूरे उत्तराखंड के लिए प्रेरणा है और इसका सबसे बड़ा श्रेय निस्संदेह तत्कालीन नगर आयुक्त वैभव गुप्ता को जाता है।

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